अध्याय 14 बंगले के अंदर से कांच के बर्तन के जोर से नीचे गिर कर टूटने की आवाज को सुनकर अक्षय और डॉक्टर उत्तम रामन दोनों के चेहरे पर परेशानी उभरी और एक दूसरे को देखने लगे। वॉचमैन ईश्वर डर कर थूक को निकलने लगा। ऐसे ही.... आज शाम से ऐसे ही कोई आवाज अंदर से आ रही है। मैंने भी डर कर अंदर जाकर देखो तो कोई नहीं होता है। जो सामान जहां रखा था वह वैसा ही था....!" "अभी कोई कांच के टूटने की आवाज आई।" "ऐसे ही आवाज आती है साहब। परंतु अंदर जाकर देखो तो टूटा