फूल बना हथियार - 7

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अध्याय 7 "पुलिस कमिश्नर अंदर आ रहे हैं....!" जल्दी से सेलफोन को बंद कर परशुराम कमरे की तरफ देखकर आवाज दी । "मनोज" दूसरे ही क्षण बनियान और लुंगी में लंबा हट्टा-कट्टा नवयुवक युवक बाहर आया। उसके छाती की चौड़ाई भ्रम पैदा कर रही थी। कंधों पर तेल लगाए जैसे चमक रहा था। "साहब!" "इसे पैक करो। आवाज नहीं आनी चाहिए। कमिश्नर अंदर आ रहे हैं ऐसी सूचना है।" परशुराम के बोलते समय ही दौड़ने का प्रयत्न कर रही यामिनी के ऊपर मनोज ने चीता जैसे झपट्टा मारा। उसके 90 किलो वजन का शरीर यामिनी से टकराते ही वह एकदम