कुछ महीनों बाद.. हवलदार (जेल का ताला खोलते हुए) - "मिस्टर प्रेरित, आइए आपसे कोई मिलने आया है" |प्रेरित बाहर आया और बोला - "अरे कुशल तुम" |कुशल नितेश के बाद दूसरा ऐसा शख्स था जिस पर प्रेरित सबसे ज्यादा भरोसा करता था, वह प्रेरित की कंपनी का असिस्टेंट डायरेक्टर भी था | प्रेरित को देखते ही कुशल की आंखें भर आई और उसने कहा," सर आपको ऐसी हालत में देख कर अच्छा तो नहीं लगता पर आपको बताना भी जरूरी है, सर इस हादसे के बाद हमारी कंपनी बहुत घाटे में चली गई और उसको संभालने वाला कोई नहीं है,