पारुल जब देखती है तो सेम खड़ा था। वह दरवाजे की ओर देखती है तो दरवाजा तो बंद था। तब उसका ध्यान बालकनी की ओर जाता है। बालकनी का दरवाजा खुला था । पारुल टेबलेट को बेड पर रखकर खड़ी हो जाती है। सेम की ओर आगे बढ़कर कहती है।पारुल: ( डरते हुए ) तुम... तुम यहां क्या कर रहे हो!? ।सेम: क्यों!? मैं नहीं आ सकता क्या!? ।पारुल: नहीं मेरा वो मतलब नहीं था... पर अगर किसी ने देख लिया तो...!?।सेम: किसीने या फिर भाई ने देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी। पारुल: ( अविनाश के बारे में सोच कर