एक नयापन नज़र आता।भले ही माया ,निशा से बड़ी थी लेकिन गर्मी भरपूर थी।रात को तो माया ने उसे जबरदस्ती सम्बन्ध बनाने को मजबूर किया था।लेकिन अब वह स्वंय इसके लिए लालायित था।देवेन अपने काउंटर पर बैठा था तभी चपरासी आकर बोला,"आपको मैनेजर साहिब बुला रहे है,""अच्छा।अभी आता हूँ"चपरासी उसकी बात सुनकर चला गया।"आपने बुलाया"।मैनेजर के चेम्बर में प्रवेश करते हुए देवेन बोला था।"हां"मैनेजर कोई पत्र पढ़ रहा था।वह नज़रे उठाकर बोला,"बाहर जाना है।""बाहर,"देवेन बोला,"बाहर कहां जाना है,?''आगरा जाना है।बैंक से कुछ ब्यौरा लाना है।"मैनेजर ने उसे काम के बारे में बताया था।आगरा का नाम सुनते ही देवेन को माया