ईमानदारी का फल - 3

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मनोहर अब दुकान पर बैठ कर अच्छे से दुकान को संभाल रहा था। पूरा दिन मनोहर ने अच्छे से दुकान को संभाला और बिल्कलभी बेईमानी नहीं की । अब जब रात होने को आई तो सेठ भी आ गया। उसने पूरा हिसाब किताब देखा तो सब कुछ बिलकुल सही था। उसने फिर मनोहर को दिनभर की दिहाड़ी दी । ओर फिर मनोहर खुशी खुशी घर गया। उसने रास्ते से ही खाने का सामान ले लिया ओर खुशी खुशी से घर गया। ओर उसने खाने का सामान बीवी को दिया और बच्चो के साथ खेलने लगा और फिर जब खाना बन