वेश्या का भाई - भाग(१३)

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कोठे के बाहर मंगल ,रामजस का इन्तज़ार ही कर रहा था,जब रामजस मंगल के पास पहुँचा तो मंगल ने फ़ौरन रामजस से पूछा.... क्या कहती थी कुशमा? कहती थी कि मंगल भइया से कहना कि मेरे लिए अपनी जान जोखिम में ना डालें,अपना ख्याल रखें,अगर उन्होंने मुझे इस दलदल से निकाल भी लिया तो क्या ये समाज हम दोनों को साथ में रहने देगा?लोंग मेरे भाई को तवायफ़ का भाई कहकर पुकारेगें और मुझे ये मंजूर नहीं,रामजस बोला।। ऐसा कहती थी,मंगल बोला।। हाँ! मंगल भइया! भीतर से बहुत दुखी थी,रामजस बोला।। तो तुमने उससे कुछ नहीं कहा,मंगल ने पूछा।। मैनें