मंगल के जाने के बाद फ़ौरन ही शकीला,केशर के पास पहुँची,उसे देखकर केशर बोली..... ऐसी क्या बातें हो रहीं थीं तेरे और गुलनार ख़ाला के बीच जो तूने इतनी देर लगा दी,मैं कब से खाने के लिए तेरा इन्तज़ार कर रही हूँ और तू अब आ रही है।। मत पूछ कि क्या हुआ? शकीला बोली।। क्यों ऐसा कौन सा सितम हो गया तुझ पर,केशर बोली।। अरे ! सितम होते होते रह गया,शकीला बोली।। ये क्या पहेलियांँ बुझा रही है? साफ साफ क्यों नही कहती?केशर बोली।। अरे! वो आया था...,शकीला बोली।। कौन आया था?भूत...आया था...केशर ने पूछा।। नहीं! मंगल आया था,शकीला