केशर नहाकर आई तो शकीला उसके और अपने लिए खाना परोस लाई,दोनों ने मिलकर खाना खाया और कुछ देर बातें करने के बाद अपने अपने नृत्य का रियाज़ करने लगी तभी दोनों के पास गुलनार आकर बोली... नवाबसाहब ने ख़बर भेजी है कि केशरबाई को मीना बाज़ार भेज दीजिए,जो भी लिबास़ और जेवरात पसन्द आएं तो वें ले सकतीं हैं.... लेकिन ख़ालाजान !मेरा मन नहीं है,केशर बोली।। आप भी ग़जब करतीं हैं केशरबाईं!वें आपको इतनी इज्जत के साथ खरीदारी के लिए बुला रहें हैं और एक आप हैं कि उनकी तौहीन कर रहीं हैं,गुलनार ख़ालाजान बोलीं।। लेकिन ख़ालाजान!सच