वेश्या का भाई - भाग(६)

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इन्द्रलेखा और कुशमा इस बात से बेख़बर थी कि उनके पीछे जमींदार गजेन्द्र लठैतों की फ़ौज लेकर आ रहा है जिनके हाथों में मशालें भी थी और साथ में मुनीम भी था,दोनों इस ताक में थीं कि कब उन्हें पक्की सड़क मिल जाए जिससे किसी मदद मिल सकें,लेकिन इतनी दूर चलने के बावजूद भी उन्हें पक्की सड़क ना मिली और पीछे से गजेन्द्र और उसके लठैत दोनों को खोजते हुए पहुँच ही गए उनके पास और फिर जमींदार गजेन्द्र जोर से चिल्लाया..... इन्द्रलेखा....रूक जा....! लेकिन इन्द्रलेखा ना रूकी उसने अपनी रफ्तार और भी बढ़ा ली,कुशमा का हाथ थामें वो बस