बिकोज़.. ईट्ज़ कॉम्प्लिकेटेड - 4 - अंतिम भाग

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अंतिम अध्याय: अंतिम निर्णय?ट्रेन अभी भी स्टेशन पर रुकी हुई थी..सुबह के लगभग पांच बजे थे..बच्चे सो रहे थे.. जिन यात्रियों ने ट्रेन शुरू होने तक इंतजार करना चुना, वे ट्रेन में इंतजार कर रहे थे..उनमें से कुछ बाहर निकल गए रेलगाड़ी और बरसात के मौसम में गरमा गरम चाय का आनंद ले रहे थे..ट्रेन के अलग-अलग कोनों में विशेष, नलिनी, धृति और सिद्धार्थ अलग-अलग विचारों में थे.. यह यात्रा उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल देने वाली थी।विशेष नलिनी के पास गया और..विशेष: नलिनी, आई एम सॉरी! मैं तुम्हारा आरोपी हूं..मैंने हमेशा तुम्हें सहजता से लिया..मैंने कभी नहीं सोचा