नफरत से बंधा हुआ प्यार? - 4

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देव गुस्से में अपने ऑफिस में खड़ा था। उसका मन कर रहा था एक कुल्हाड़ी उठाए और जाके सबको काट डाले या फिर सुबह साढ़े नौ बजे ही स्कॉच की बॉटल को उठाये और फिर उसे तोड़ दे। वोह अपना गुस्सा शांत करना चाहता था ताकी कहीं सबिता का ही गला ना दबा दे।सबिता प्रजापति ने उसके अंदर एक ज्वाला को भड़का दिया था। वोह उसकी आवाज़ दीवार से साफ सुन पा रहा था जब वो अपने किसी आदमी से कुछ सवाल कर रही थी और वो आदमी उसे ज़ोर ज़ोर से वोह डॉक्यूमेंट्स पड़के सुना रहा था।अभय ने क्या