कृष्ण प्रसाद जी और अवधूत दोनों की आंखें बंद है। उन्हें अब तक नहीं पता कि इस कमरे में बहुत सारे भयानक बदलाव हो रहे हैं। अचानक जब मेरी नजर ऊपर सीलिंग की ओर पड़ी तो वहाँ का दृश्य किसी को भी अंदर से हिला देगा। कमरे के उस तरफ से सीलिंग पर एक बच्चा उल्टा चलता हुआ मेरे ही तरफ आ रहा था। उसके शरीर का रंग हल्का हरा है। एक नहीं उसके तीन सिर हैं। लाकिनी! मेरे मुंह से ही तेज सिहरन की आवाज निकल गई। मेरे सीने के बाएं तरफ तेज दर्द होने लगा। वह भयानक छोटा