कर्तव्य - 14

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कर्तव्य (14) दो बहिनों का घर बड़े भैया के शहर के ही पास था, भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन,भैया दौज और अन्य त्यौहारों पर वह ज़रूर जाते ।उनके घर में सभी उनके आने पर बहुत खुश होते । सभी बच्चे ज़िद करते और करते “बाबा आज हमारे घर रुक जाओ” तो वह कहते“नहीं आज नहीं फिर कभी तुम्हारे पास रुक जाऊँगा, भाभीजी इंतज़ार कर रहीं होंगी । धीरे-धीरे उनका मन लग रहा था और भाभीजी उनका बहुत ख़्याल रखतीं । जब काम पर से आने में देर हो