नौकरानी की बेटी - 46

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आज पुरे चार साल बीत गए और आज आनंदी की हर एक कोशिश का फैसला होगा हां आज अन्वेशा एक डाक्टर बन गई और उसे बहुत ही अच्छे से सम्मानित किया गया।इसी समारोह में सभी को आमंत्रित किया गया था आनंदी भी गई थी।आनंदी का समर्पण एनजीओ आज एक सफल और जागरूकता का प्रतीक माना जाता है क्योंकि आनंदी ने इसका सटीक उदाहरण दिया कि आज हर कोई शिक्षित होगा और कोई भी बेसहारा नहीं रहेगा। समर्पण एनजीओ में वो सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराया था आनंदी ने की एक घर जैसा माहौल मिलें और सुरक्षित महसूस कर सकें।आनंदी को जब