दुसरे दिन सुबह 4 बजे ही सबको उठा दिया गया था। श्रुति तो इतना सुबह पहले कभी नही उठी थी वो लडखडाती हुई नहाने जाती है। वो मन ही मन सोच रही थी यहाँ से जाकर पहले पीजी मे दो दिन सोयेगी। नहाने के बाद वो वो अपने कपड़े को सुखाने के लिये उन्हे बाहर बालकनी मे ले आती है जैसे ही वो नीचे देखती है तो शौर्य पुश अप कर रहा था उसको ऐसे करते देख वो तो उसमे ही खो जाती है तभी वो बगल मे देखती है तो बगल वाली बालकनी से अविका भी खड़ी बाहर देख