बंद है सिमसिम - 9 - वह भय था कि भूत

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हाईस्कूल पास होने तक मैं कभी बीमार नहीं पड़ी थी।वैसे थी तो बहुत ही दुबली पतली पर ऊर्जा,उत्साह और शक्ति से भरी हुई।गर्मियों की छुट्टियां थीं ।मेरी दो घनिष्ठ सहेलियां थीं।दोनों सहेलियाँ गांव से पढ़ने के लिए कस्बे में आती थीं।दोनों के पिता हमारे ही इंटर कॉलेज के प्रवक्ता थे।मेरा घर कस्बे में और कॉलेज के पास था।मेरी दोनों सहेलियाँ अक्सर मेरे घर आया करतीं पर मैं मीलों दूर उनके घर नहीं जा पाती थी।इस बार छुट्टियों में एक सहेली मीना के गांव जाने का प्रोग्राम बन गया।अवसर भी था क्योंकि उसके बड़े भैया का गौना था।उसके घरवालों ने हम