एक गाँव में एक बूढी अम्मा रहती थी। वह अकेली थी उसके आगे पीछे कोई नहीं था। क्योकि शादी के कुछ साल बाद ही उनके पति की मृत्यु हो जाने के बाद उनके कोई सन्तान नहीं थी वह एक दम अकली रहती थी। सारा दिन वह टोकरियाँ बना कर जो पैसे मिलते थे उनसे वह गाँव के बच्चो के लिए खाने व खेलने के लिए समान खरीद लेती थी,जहाँ कहीं उसको बच्चे दिखाई देते थे वह उन सभी में बाट देती। गाँव के सभी बच्चे उस बुढ़ी अम्माँ को बहुत प्यार करते थे ,किसी दिन वह न दिखाई देती तो