ईद का बकरा

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सुबह-सवेरे मुसलमानों के गांव कमलिया से चार नौजवान हिन्दुओं के गांव जोगीपुरा में आ पहुंचे. एक दूसरे से सटे हुए गांव थे ये दोनों. और बाहर की दुनिया इन्हें मुसलमानों और हिन्दुओं के गांव के नाम से ही पुकारती थी. वैसे इन दोनों गांव के बीच ‘‘ ना दोस्ती, न दुश्मनी’’ वाला रिश्ता था.वे नौजवान अपने साथ एक फोटो लाए थे और उसे दिखा-दिखाकर सबसे पूछ रहे थे कि किसी ने सुलेमान को देखा है. सुलेमान? कमलिया गांव के नीली हवेली वाले रशीद अंसारी का बकरा. ईद पर कुरबानी का हट्‍टा-कट्‍टा शानदार रग-पुट्‍टों वाला बकरा. रंग काला-सफेद. जिसे एक लाख रूपए