विशाल वृक्ष की तेरहवीं शाखा से उल्टा लटकने वाले ने अचानक पूछा, ‘‘ क्या आदमी होते हैं?’’तुरंत ही कई खोपड़ियां 360 डिग्री घूम गई और उसकी तरफ डर, गुस्से और असंमजस से देखने लगी.सन्नाटा तो पहले ही छाया था. अब और गंभीर हो गया.फिर वृक्ष की सबसे ऊंची चोटी पर बैठे भूत ने जवाब दिया, ‘‘ होते हैं! मगर सबको नज़र नहीं आते.’’तेरहवीं शाखा के भूत ने फिर उतनी ही उतावली से पूछा, ‘‘ क्यों?’’चोटी का भूत बोला, ‘‘ क्योंकि वे दूसरी दुनिया में रहते हैं. इसलिए हमें वो नज़र नहीं आते और हम उन्हें दिखाई नहीं देते.’’उतावले भूत ने अगला