आज की कविताएँ :-)1.) मेरी जिंदगी एक खुली किताब 2.) बेटियाँ ---- मेरी जिंदगी एक खुली किताब ----* मैं लिखकर खुद ढूँढती हूँ जवाब अपने ही सवालों का ,स्वागत है उन सभी इच्छुुुक मेरे अल्फाज़ पढ़ने वालों का ।हो खुशी या गम गिनने की मुझे अब फुर्सत नहीं ,ये मेेेरी जिंदगी है , कोई हिसाब का दरखत नहीं ।कहते तो सब हैं मगर कोई वाकई समझदार कहाँ ,मेरे चंद लफ्ज़ कर जाएँ गुमराह जिन्हें , वो