अंकिता की चीख सुनकर वह तीनों चौंक चाहते हैं और आवाज की दिशा में दौड़ने लगते हैं।वहां पहुंचकर देखते हैं तो अंकिता जमीन पर बैठी हुई थी, उसकी आंखें डर की वजह से खुली की खुली रह गई थी,इतने ठंडे मौसम में भी उसका चेहरा पसीने से तरबतर था, उसके चेहरे पर डर साफ साफ दिख रहा था। मनीष तुरंत दौड़ते हुए अंकिता के पास पहुंचता है और अंकिता से पूछता है "क्या हुआ अंकिता! तुम चिल्लाई क्यों?" पर अंकिता ने अभी भी मनीष के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया वह बस उन झाड़ियों की ओर अपना मुंह करके बैठी हुई थी