क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहते हैं?किसी का भी मुझे समझ नहीं सकने का सही अर्थों में यानी वास्तविक कारण क्या हो सकता हैं?क्यों मुझें अधिकांश लोग समझनें में असमर्थ रहते हैं?ऐसा इसलियें क्योंकि जो मेरी, मेरे भावों की, विचारों की यानी मेरे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष हर करने योग्यता कृत्य प्राथमिकता हैं मतलब मेरा उद्देश्य हैं; उसके महत्व यानी सार्थकता या आवश्यकता का महत्व हैं उससें वह भिज्ञ नहीं हो पातें। वह मेरे उद्देश्य के मायनों को नहीं समझ पातें।मैं आपकी समझ के परें यानी समझ नहीं आ सकनें वाला तभी हो सकता हूँ, जब मेरे उद्देश्य की