बाथरूम से लौटकर बिस्तर पर लेटते ही नींद नहीं आई। इधर-उधर करके ही कुछ समय बीत गया। कमरे के अंदर की ठंडी और कौवे की आवाज को मैं अपने मन से निकाल ही नहीं पा रहा था। एक हल्का घुटन आंखों को बंद होने नहीं दे रहा था। बिस्तर पर कुछ देर इधर-उधर करने के बाद अचानक से ऐसा लगा कि इस कमरे में मेरे अलावा भी दूसरा कोई उपस्थित है। उसके सांस की आवाज और पैरों की आवाज नहीं सुनाई दे रहा लेकिन यहां कोई तो है। 6th सेंस द्वारा उसे अच्छी तरह अनुभव किया जा सकता है। मैं