- हो गई सैर? मैंने कुछ व्यंग्य से कहा। वे बोलीं- बताया न आपको, दवा लेने गई थी। मैंने कुछ तल्खी से कहा- हां, फ़िर बताया नहीं आपने, कि आपको बेटों को क्या तकलीफ़ है, जिनके कारण आप यहां परदेस में भी चिंतित हैं? उन्होंने चौंक कर मेरी ओर देखा। शायद मेरे स्वर की रुखाई उन्हें भायी नहीं। वो भी कुछ सनक गईं। तुनक कर बोलीं- क्या करेंगे पूछ कर? आप कोई जादूगर तो हैं नहीं, जो मेरी तकलीफ़ दूर कर देंगे। मैं तो अकेली बैठी थी, आप आए, आपने जिज्ञासा और हमदर्दी जताई तो मैं आपसे खुल कर बोलने