कौन है ख़लनायक - भाग १२

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उधर प्रियांशु के पापा भी पूरी बारात की तैयारी करके घोड़ी सजा कर प्रियांशु का इंतज़ार कर रहे थे किंतु प्रियांशु गायब था। प्रियांशु के पापा बेचैन होकर उसे और उसके दोस्तों को फ़ोन लगा रहे थे। प्रियांशु का फ़ोन तो बंद था और उसके सारे दोस्तों का एक ही जवाब था, अंकल हमें नहीं मालूम। "क्यों अंकल, प्रियांशु को क्या हुआ? यह तो बारात निकलने का समय है," विवेक ने पूछा। "पता नहीं विवेक वह कहाँ चला गया है। मैं रुपाली के माता-पिता को क्या मुँह दिखाऊँगा?" "अंकल मैं भी उसे कब से फ़ोन लगा रहा