तेरे मेरे दरमियां यह रिश्ता अंजाना - (भाग-8) - सारंगी - अस्मिता चली

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अस्मिता का घर अस्मिता घर आकर यही सोच रही थी की आखिर आदित्य क्यू आया था और आया तो बिना कुछ बोले बस मुस्कुराता रहा और फिर चला गया। उसके दिल से भी बस यही आवाज निकल रही थी ' तेरी खामोशी भी अजीब सी सितम करती है तेरा बस यूं मुस्कुरा कर चले जाना भी मेरे दिल को बेचैन हर पल करती है .... अस्मिता अपने छोटे से कमरे के बैड पर लेटी कुछ पढ्ने की कोशिश कर रही थी लेकिन दिमाग था की बस आदित्य पर आकर रुक जाता । लगभग आधी रात हो चुकी थी लेकिन ना