जीवन की राह गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम पवित्र हो सकता है किंतु मोक्षदायक नही। मोक्ष निर्भर है धर्म एवं कर्म पर। संगम में डुबकी से भावना बदल सकती है किंतु बिना कर्म के मोक्ष असंभव है। हमारी सांस्कृतिक मान्यता है जैसा होगा कर्म वैसा ही होगा कर्मफल। जब हम मनसा वाचा कर्मणा सत्यमेव जयते को अपनायेंगें तो जीवन में होगा सुख, संपदा और स्नेह का संगम। सूर्य देगा ऊर्जा, प्रकाश दिखलाएगा रास्ता सुहावनी संध्या देगी शांति निशा देगी विश्राम चांदनी से मिलेगी तृप्ति की अनुभूति और हम पर बरसेगी परमात्मा की कृपा। हमारे जीवन में हो