रुपाली ने कार्तिक से कहा, "मुझे लगता है कि अजय से ख़ुद से बात नहीं बनी तो अब उसने तुम्हें भेजा है। वह समझता क्यों नहीं, ऐसा सब करने से कोई फायदा नहीं है।" "रुपाली तुम मेरी बात तो सुनो…" "नहीं कार्तिक, अजय पहले ही बहुत झूठ बोल चुका है, बस अब और नहीं…" "रुपाली मैं जो कहने आया हूँ, तुम्हें सुनना ही पड़ेगा। उसने मुझे यहाँ नहीं भेजा है, मैं अपनी मर्जी से आया हूँ।" रुपाली ने कहा, "ठीक है, बोलो कार्तिक क्या कहना चाहते हो?" "रुपाली, अजय जितना प्यार तुम्हें जीवन में