जीवनधारा - 13

  • 3.5k
  • 2k

लेकिन यह क्या ? उस घर पर तो ताला लटका था।...….शंभू पुलिसवालों को बताता है कि बच्ची को लेकर वह आदमी अभी भी इसी गांव में होगा क्योंकि इस गांव से बाहर जाने का केवल एक ही रास्ता है, जिससे होकर हमलोग अभी यहाँ आये हैं । हाथ आई नंदिनी को एकबार फिर से खोकर पूजा बहुत परेशान थी । रूपेश उसे हिम्मत बंधाते हुए कहता हैं की जैसे इतने दिन हिम्मत रखी, थोड़ा और सब्र करो, नंदिनी मिल जाएगी । घबरायी हुई पूजा आंखों में आँसू लिए रूपेश के हाथों को न जाने कब से कस के पकड़े खड़ी