प्रार्थना से बाहर और अन्य कहानियां(लेखक--गीता श्री)समीक्षक-रंजना जायसवालस्त्री की आजादी -एक यक्ष प्रश्नकिसी स्त्री को एक रिश्ते से आजाद होने में कितना वक्त लगता है ?कितने फैक्टर काम करते हैं एक स्त्री की आजादी में |कितने लोग मिलकर तय करते हैं उसकी कैद |क्या मौत ही स्त्री की आजादी का एक मात्र रास्ता होती है ?.इन सारे प्रश्नों से जूझती है गीताश्री की नवीनत्तम कहानी पुस्तक –‘प्रार्थना के बाहर और अन्य कहानियाँ”|.अक्सर कह दिया जाता है कि स्त्रियों में साहस की कमी है इसलिए वे गुलामी में जीती रहती हैं |पर क्या सच!इस विषय पर स्त्रियां क्या कहती हैं ...“कैसे