स्त्री.......(भाग-36)हमारी तरफ के सब लोग आ गए थे। मेरी इस खुशी में मेरा पूरा परिवार मेरे साथ है, पर मेरी सास नहीं थी, जिन्होंने मुझे माँ से भी ज्यादा प्यार और इज्जत दी....माँ ने मुझे आगे तलाक ले कर आगे बढने को कहा था, आज उनकी ये इच्छा भी पूरी हो जाएगी। पिताजी ने सुमन दीदी और सुनील भैया के परिवार से बिल्कुल सहजता से परिचय कराया.....कामिनी के पिताजी से परिचय कराते हुए पिताजी ने कहा,"भाई साहब ये वैसे तो हमारे समधी हैं, पर जानकी का एक पिता की तरह ध्यान रखते हैं, तभी हमारी बेटी इस शहर में आराम