स्त्री......(भाग-35)सोमेश जी चाहते थे कि उनका ड्राइवर ही हमें छोड़ आए, पर पिताजी ने मना कर दिया....क्योंकी ड्राइवर को फिर इतनी दूर वापिस आना पड़ता। राजन के साथ तारा, माँ,पिताजी और बच्चों को कार में भेज दिया। छाया और मेरे लिए टैक्सी सोमेश जी का ड्राइवर ही ले आया। घर आने तक 10 बज चुके थे। सब का पेट भरा ही था। बच्चे तो कार में ही सो गए थे। बच्चों को कमरे में सुला कर हम बड़े शादी को बारे में बातें करने लगे और काम सोचने लगे कि क्या क्या जरूरी है। पिताजी सुमन दीदी और सुनील भैया