पप्पा जल्दी आ जाना : एक पारलौकिक सत्य कथा - (अंतिम भाग)

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थोड़ा ही अंदर आने पर विमलेश के पैरों से कुछ टकराया और बड़े मुश्किल से उसने खुद को और अनोखी को संभाला । विमलेश ने महसूस किया किया कि उसका पैर नदी में किसी भारी चीज के नीचे फंसा था । उसे हटाने का उसने बहुत प्रयत्न किया, पर पैर टस-से-मस ना हो पाएँ । तब, आवाज़ लगाकर नदी तट पर खड़े लोगों को मदद के लिए बुलाया । उसकी आवाज़ सुन नदी तट पर खड़े लोग भागे-भागे आयें । विमलेश का पैर घुटने तक पानी वाले उस नदी में किसी भारी वस्तु से नीचे जा फंसा था । सबके