शाम को सात बजे अजय सीधे रुपाली के घर पहुँच गया। उसने डोर बेल बजाई तो रुपाली की माँ अरुणा ने दरवाज़ा खोला। उसे देखते ही उन्होंने कहा, "अरे अजय बेटा आओ-आओ।" "नमस्ते आंटी" "नमस्ते बेटा, क्या हुआ आज कल दिखते ही नहीं हो। रुपाली कह रही थी अलग-अलग पीरियड लगते हैं इसलिए साथ में नहीं जाते।" रुपाली के झूठ को छिपाते हुए अजय ने कहा, "दोनों के सिर्फ़ पहले पीरियड का ही समय अलग है आंटी इसीलिए अलग-अलग जाते हैं।" इतने में रुपाली भी वहाँ आ गई और इस तरह अजय को अचानक घर में