शहनाज़! कहाँ जा रहीं हैं आप? हमीदा ने अपनी बेटी से पूछा।। अम्मीजान घर में बैठें बैठें बोर हो गए हैं,सोच रहे थे कि बाहर ही घूम आएं,शहनाज़ बोली।। सुनिए ये गाँव है आपका शहर नहीं है जो कहीं भी घूम कर आ जाएं,ऊपर से ये हमारा मायका है यानि के आपके मामूजान का घर ,उन्हें पता लगा कि आप अकेली बाहर घूमने गई थीं तो आपके साथ साथ हमें भी डाँट पड़ जाएगी,हमीदा बोली।। अम्मीजान ! अब हम बड़े हो गए हैं,इतनी इजाजत तो मिलनी चाहिए ना हमें,शहनाज़ बोली।। जिद़ कर रही हैं आप,हमीदा बोली।। जिद़ नहीं कर रहें