उस अंधेरे कमरे में , एक ए•सी• ,एक फूटा हुआ बल्ब और एक बेड..... बेड पर एक आदमी लेटा था। बाहर से दरवाजा खुलने की आवाज आई जैसे की रोज आती थी। हाॅल-वे से कइ लोगों के चलने की आवाज आने लगी। अचानक से कमरे का दरवाजा खुला..... बेड पर लेटे आदमी की आँखें चौंधियाॅने लगीं। "मिस्टर संजय, आपके दोस्त आपको यहाँ से घर ले जाने आए हैं।" डॉक्टर ने कहा। संजय ने पूछा "क्या मेरी चिकित्सा पूर्ण हो गई है?" "हाँ" डॉक्टर ने कहा।"ओह! समय का तो पता ही नहीं चला।" संजय ने कहा। संजय को उसका गहरा दोस्त अक्षय और