बिकोज़.. ईट्ज़ कॉम्प्लिकेटेड - 2

  • 4.8k
  • 2.2k

अध्याय दो: अच्छी पुरानी यादें।अभी भी भारी बारिश हो रही है .. स्टेशन पर रेडियो कुछ पुराने गाने बजा रहा है .. जिन लोगों को काम के लिए ट्रेन लेनी थी वे अब आधे में बंट गए हैं .. उनमें से कुछ वापस चले गए और कुछ विशेष वाहन ले गए ..और यहाँ केबिन में अच्छे पुराने दोस्तों ने बात शुरू की..विशेष : मुझे इस तरह मत घूरो..हा हा..यह एक सामान्य कहानी की तरह है..सिद्धार्थ: अरे भाई! अब सस्पेंस काफी है..देखो मैं वो पजेसिव पति नहीं हूं..नलिनी को अपने पति के कॉलेज जीवन की कहानी जानने में बहुत दिलचस्पी थी