और मेघ बरसते रहे (उपन्यास) की समीक्षा

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स्त्रियों को विषय मानकर हिन्दी में अनेक उपन्यास लिखे गए हैं जो हमारे समय और समाज की शोषक संरचनाओं को तार-तार कर देने वाला विश्लेषण प्रस्तुत करते रहे हैं. रंजना जायसवाल का हाल में ही प्रकाशित उपन्यास ‘और मेघ बरसते रहे’ स्त्रियों के दुखों-तकलीफों और संघर्षों पर केंद्रित है. रंजना जायसवाल ने एक कवयित्री और फिर कहानीकार के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई और अब उन्होंने उपन्यास लिखकर कथा साहित्य के दरवाजे पर अपनी मजबूत दस्तक दी है. मजबूत इसलिए कि यह भले ही लेखिका का पहला उपन्यास है लेकिन इसमें उन्होंने अपने आस-पास घटित होने वाली घटनाओं का संवेदना पूर्ण और