मारिया. इस आशा में समुद्र के किनारे बैठ गयी कि उसका पति डेविड उसे ढूंढता हुआ जरूर आयेगा। वह नही आया तो कोई न कोई जहाज यहां से जरूर गुज़रेगा।वह उससे सहायता मांगेगी।इन्तज़ार में पूरा दिन गुज़र गया।भूखी प्यासी वह समुंदर के किनारे बैठी रही।पर न उसका पति आया न ही कोई जहाज उधर से गुजरा।और धीरे धीरे दिन ढल गया और अंधेरा हो गया।अंधेरा होते ही जंगली जानवरों की अजीबो गरीब आवाजे सुनाई देने लगी।दिन में मारिया ने सोचा भी नही था कि रात भी उसे इसी द्वीप पर गुज़ारनी पड़ेगी।अगर वह रात भर इसी जगह बैठी रही तो