(ओ हेनरी की कहानियाँ का अनुवादित पुस्तक से ) सुबह के आठ बजे दुकान पर समाचार पत्र के ताज़ा अंक रस्सी पर लटक रहे थे। ग्राहक चलते फिरते समाचार पत्र के शीर्षक देखते या फिर एक पेन्नी का सिक्का डिब्बे में डाल कर एक अंक खींच लेते। अपनी कुर्सी पर बैठा दुकानदार ग्राहक की ईमानदारी पर नज़र रखे हुए था। हम जिस समाचार पत्र की बात कर रहे हैं वह एक ऐसा पत्र है जो समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ परोसता है। इसलिए इस पत्र को एक शिक्षक, पथप्रदर्शक, हिमायती, सलाहकार और घरेलु परामर्शदाता का दर्जा