टेढी पगडेडियाँ - 30

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टेढी पगडंडियाँ 30 सिमरन कुछ देर तो गुमसुम खङी रही फिर उसने अलमारी खोलकर सर्टिफिकेट वाली फाइल टिकाई । मुँह हाथ धोकर कपङे बदले । फिर रसोई में जाकर हारे में उपले डालकर आग सुलगाई और साबुत मूँग की दाल चढा दी । उसका चाय पीने का मन हो रहा था पर अकेले अपने लिए कैसे बनाए । ये गुरनैब तो नाराज होकर न जाने कहाँ निकल गया । उसे अपनेआप पर गुस्सा आया – बेकार में ही उसे नाराज कर दिया । अब कई दिन यूँ ही रूठा रहेगा । ऊपर से एक दो दिन की