अगले दिन.....! सुबह के 7 बज चुके थे और पंछी अभी भी सोयी हुई थी हमेशा की तरह आज भी झील उसे उठाने आती है और कहती हैं- पंछी, अब तो उठ जा ! कॉलेज के लिए लेट हो जाएगी । पंछी - हा दी !!! झील - अब जल्दी से उठ जा , मैं वापस तुझे उठाने नहीं आउंगी ( जाते हुए कहती हैं। ) पंछी -हम्म, दी ! उसके कुछ देर बाद पंछी उठ कर कॉलेज के लिए तैयार होकर रूम से बाहर आकर कहती है - मैं कॉलेज जा रही हु। उसकी माँ रसोई घर में से ही आवाज़ लगाती हैं -