शारीरिक सम्बन्धो में एकरसता होने पर भी पति पत्नी के सम्बंध नही टूटते।लेकिन पश्चिम में ऐसा नही है।वहाँ सेक्स खेल है।मनोरंजन का साधन मात्र।वहा के लोग इसे मौज मस्ती का साधन मानते है।इसलिये शादी के बाद वे दूसरे से शारिरिक सम्बन्ध जोड़ने को बुरा नही मानते।तन का स्वाद बदलते है।वैसे भी शादी पश्चिम में जीवन भर का बंधन नही है।तलाक वहां आम बात है।शादी के बाद सम्बन्धो में ठंडापन आ जाने पर बदलाव की चाहत होती है।विशेषत मर्द इसका ज्यादा इछुक होता है। इस बात को काम कला के मर्मज्ञ वात्स्यान अच्छी तरह जानते थे।इसलिये उन्होंने औरतो को कुछ ज्ञान की