सूरदास जी के वात्सल्य वर्णन को हम दो भागों में बाँट सकते हैं... १-संयोग वात्सल्य २-वियोग वात्सल्य १-संयोग वात्सल्य- में ब्रज में कृष्ण के जन्म से लेकर मथुरा जाने से पूर्व की समस्त बाल-लीलाओं का वर्णन किया है,जैसे-कृष्ण जन्म समाचार,जन्म सम्बन्धी हर्षोल्लास,कृष्ण का पालने में झूलना,घुटनों के बल चलना ,गाय चराने की इच्छा प्रकट करना,ग्वाल बालों के साथ खेलना,चीर-हरण,मुरली माधुरी आदि का वर्णन।। २-वियोग वात्सल्य- वियोग वात्सल्य में मथुरा से जाने पर यशोदा का दुःख,नन्द को उलाहना,ग्वाल बालों का दुःखी होना,गोपियों का दुःख,यशोदा द्वारा देवकी को भोजन सम्बन्धी निर्देश आदि का वर्णन किया है,इन दोनों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार