ग्यारह अमावस - 7

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(7) जलती हुई मशालों की रौशनी में वह जगह आदिम युग की किसी गुफा की तरह दिख रही थी। अंधेरे और उजाले के मिले जुले प्रभाव में तहखाने का माहौल बहुत ही रहस्यमई लग रहा था। मशाल की रौशनी जांबूर के मुखौटे पर पड़ रही थी। उसके पीछे से झांकती उसकी आँखों में शैतानी चमक साफ देखी जा सकती थी। सभी नौजवान जांबूर की तरफ टकटकी लगाए बैठे थे। जांबूर ने अपने दोनों हाथों को उठाकर कहा,"ज़ेबूल जो समस्त शैतानी शक्तियों का स्वामी है उसको हमारा अभिवादन।"सभी नौजवानों ने जांबूर की तरह अपने हाथों को उठाकर कहा,"शैतानी शक्तियों के