प्यार था, ख़्याल था, चिंता भी थी किंतु यदि कुछ नहीं था तो समय नहीं था, जो कभी किसी के लिए नहीं रुकता। साहिल के पिता आकाश अपनी पत्नी को खो चुके थे इसलिए वह अपने पिता को अकेला छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहता था। साहिल की पढ़ाई पूरी होने के उपरांत उसे अमेरिका में बहुत ही अच्छी नौकरी मिल गई। तब उसने आकाश से कहा, "पापा मैं आपको इस तरह अकेला छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा।" "क्यों बेटा, मुझे इतना मानसिक तनाव देना चाहते हो कि मैं हमेशा इस बोझ के तले दबा रहूं कि मेरी वजह से मेरे बेटे को कठिन परिश्रम के बाद मिली इतनी अच्छी