अनाया रंग रूप से साधारण थी एक आम लड़की की ही तरह किंतु भगवान ने दिमाग की अमूल्य धरोहर अपने आशीर्वाद स्वरुप उसकी झोली में डाली थी। खाने-पीने की अत्यंत ही शौकीन अनाया बचपन से ही कभी भी खान-पान पर नियंत्रण नहीं कर पाई। इसीलिए उसका वजन बढ़ने लगा। बाली उम्र में अपने बढ़ते वजन की तरफ उसने कभी ध्यान ही नहीं दिया। जवानी की दहलीज पर कदम रखने के बाद उसे लगने लगा कि अब उसे अपना वजन कम करना चाहिए लेकिन यह सब कुछ इतना आसान नहीं था। समय गुजरता रहा वह अपनी कक्षा में लड़के लड़कियों को एक