ओ...कौशल्या जीजी! शाम के हमार घरे आ जइओ,न्यौता है तुम्हार!माल्ती ने अपनी पड़ोसन कौशल्या से कहा... काहे! का बात है? कौशल्या ने पूछा।। हमार बहु की गोद भराई है,माल्ती बोली।। बधाई हो मालती! जल्द ही नन्हे मुन्ने की किलकारियांँ गूँजेंगीं तुम्हारे आँगन में,कौशल्या बोली।। हाँ! जीजी! सब भगवान की कृपा है और जीजी बुरा ना मानो तो एक बात कहें,मालती बोली।। हाँ! बोल! का कहना चाहती है,कौशल्या ने पूछा।। अपनी बहु को मत लाना हमारे घर ,नौ साल होने को आए और अभी भी उसकी गोद खाली है,हम नहीं चाहते कि किसी बाँझ औरत