चर्चित कवि मुकुट विहारी सरोज जी के सानिध्य में रामगोपाल भावुक मुझे डॉ. भगवान स्वरूप चैतन्य जी चर्चित कवि मुकुट विहारी सरोज जी के निवास पर पहली‘ पहली वार लेकर गये थे। इससे पहले मैं अपने नगर में होने वाले कवि सम्मेलन में उनको सुन चुका था- ये महान है इन्हें प्रणाम करो ये बडे महान है। दन्त कथाओं के उद्रगम का पानी रखते हैं। पूजीवादी तन में मन भूदानी रखते हैं। इनके जितने भी घर थे सभी आज दुकान हैं। इन्हें प्रणाम करो ये बडे महान है। उदघटन में दिन काटें, रातें अखबारों में